नेटवर्क - दो या दो से अधिक कंप्यूटर या उपकरणों से नेटवर्क स्थापित करता हैं। नेटवर्क से हर कंप्यूटर को आज्ञा का पालन करना पड़ता हैं। एक से अधिक नेटवर्क एक साथ जोड़े जाते हैं, तो वह नेटवर्क होता हैं। एनालॉग तरीकों का प्रयोग डाटा आदान-प्रदान के लिए होता हैं। कम्प्यूटरों को वायर द्वारा जोड़ते हैं। संचार के लिए चार चीजों की आवश्यकता होती है -
(i) प्रेषक (Sender)
(ii) माध्यम (Medium)
(iii) प्राप्तकर्ता (Receiver)
वर्ल्ड वाइड वेब (World Wide web) - एक प्रकार का networking ही है। इसके माध्यम से हम नेट use करते हैं। व्यक्ति या संस्था के पता को World Wide web से जोड़कर डाटा भेज या प्राप्त किया हैं।
15 अगस्त, 1995 को भारत में internet सेवा की शुरुआत हुई । इस काम को करने का दायित्व संचार निगम को दिया गया। प्रारम्भ में दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता और चेन्नई को enternet से जोड़ा तथा लंबे समय तक सेवा पर इसका एकाधिकार रहा।
ब्राउजर - सामान्य बोलचाल की भाषा में browser एक ऐसा सॉफ्टवेयर (software) प्रोग्राम (prograam) हैं । कम्प्यूटर को इंटरनेट से जोड़ने में सहायता करता है।
वेबसर्वर - वर्ल्ड वाइड वेब (word wide veb) पहला विश्व प्रसिद्ध क्लांइट-सर्वर क्लांइट है।सबसे सरल रूप में वेब सर्वर ग्राहकों के नाम लेकर माँगने पर दस्तावेजों को उन्हें लौटा देता है । क्लाइंट और सर्वर HTTP नामक RPC जैसे प्रोटोकॉल का इस्तेमाल करते हुए आपस में संवाद बनाते हैं । प्रोटोकॉल कमांड के एक साधारण समूह को परिभाषित करता है। कसौटियों को STRINGS के रूप में आगे बढ़ाया जाता हैं ।जिसमें टाइप किये आँकड़ो के लिए कोई गुंजाइश नहीं होती हैं ।
डोमेन - इंटरनेट में अलग-अलग डोमेन का अपना अलग-अलग कार्य और महत्व हैं । उसको देखकर ही आप समझ जाओगे की इसका क्या उपयोग हैं । प्रचलित डोमेन निम्न हैं -
com : यह सबसे प्रचलित डोमेन हैं । इसका प्रयोग व्यापारिक क्षेत्र के लिए होता हैं । इससे आप सहज समझ सकते हैं कि जिस पता के साथ com लगा होगा वह एक व्यापारिक संस्था होगी । जैसे - www.jaado.com या www.yahoo.com आदि ।
org : यह किसी संगठन का सूचक है; जैसे - www.uno.org
Edu : यह किसी शैक्षणिक संस्था का पता में जुड़ना है । यथा www.janu.edu या www.jadoo.edu आदि
यह किसी नेटवर्क को बताता हैं । तथा www.pib.net या www.demon.net आदि ।
Int : यह किसी अन्तर्राष्ट्रीय संगठन को दर्शाता है। इसके अतिरिक्त प्रत्येक राष्ट्र के अलग-अलग डोमेन हैं। यथा भारत के लिए in. ब्रिटेन के लिए .uK ऑस्ट्रेलिया के लिए au आदि ।
नेटवर्क के लाभ (BenefitsoNetwork)
• डाटा, सूचना और महंगे उपकरणों का साझा उपयोग ।
• सूचना का तेज गति और शुद्धता (Speed-Accuracy) के साथ आदान प्रदान ।
• विभिन्न कम्प्यूटर द्वारा आपस में सूचनाओं का आदान-प्रदान होना ।
• कम खर्च में डाटा का आदान-प्रदान
कम्प्यूटर नेटवर्क का वर्गीकरण (Classification of Computer Network)
(i) लोकल एरिया नेटवर्क (LAN-Local Area Network) - एक निश्चित और छोटे भौगोलिक क्षेत्र में आपस में जुड़े कम्प्यूटर का जाल लोकल एरिया नेटवर्क कहलाता है। इसका आकार छोटा, डाटा स्थानांतरण की गति तेज तथा त्रुटियाँ कम होती हैं ।
(ii) मेट्रोपोलिटन एरिया नेटवर्क (MAN-Metropolitan Area Network) - यह किसी बड़े भौगोलिक क्षेत्र में स्थित कम्प्यूटरों का नेटवर्क है। इसका उपयोग एक ही शहर में स्थित निजी या सार्वजनिक कम्प्यूटर को जोड़ने में किया जाता है।
(iii) वाइड एरिया नेटवर्क (WANwide Area Network) - यह एक विस्तृत भौगोलिक क्षेत्र, कई देश, महाद्वीप या संपूर्ण में विश्व फैले कम्प्यूटरों का नेटवर्क है। इसमें कम्प्यूटरों को टेलीफोन, प्रकाशीय तंतु (Fibre opitic cable) या कृत्रिम संचार उपग्रह से जोड़ा जाता है इसमें गति कम तथा त्रुटियों की संभावना अधिक रहती है। इसे लॉग हॉल नेटवर्क (Long Haul Network) भी कहा जाता है।
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