जब से कम्प्यूटर का आविष्कार हुआ है, तब से लेकर अब तक तीन प्रकार की भाषाएँ प्रयोग में लायी जाती रही हैं।
(I) मशीनी भाषा (MachineCode) - यह वह भाषा है जो केवल 1 से 0 के समूहों (Combinations) से बनी होती है और जिसे कम्प्यूटर सीधे समझ सकता है। मशीन भाषा में प्रत्येक निर्देश Instruction) के दो भाग होते हैं-एक निर्देश कोड (Operation code) तथा दूसरा स्थिति कोड (Locationcode)। निर्देश कोड व स्थिति कोड 0 से 1 के क्रों में ही व्यक्त किए जाते हैं; कम्प्यूटर उच्चस्तरीय भाषा को मशीन भाषा में बदलकर उसे समझता है। एक कम्प्यूटर की मशीनी भाषा दूसरे कम्प्यूटर की मशीनी भाषा से भिन्न होती है।
(II) असेम्बली भाषा (Assembly Code) - असेम्बली भाषा, का आविष्कार मशीन भाषा में आ रही कठिनाइयों को दूर करने के लिए किया गया। इसमें मशीन कोड के स्थान पर नेमोनिक कोड' (NemonicCode) का प्रयोग किया जाता था जिन्हें मानव मस्तिष्क आसानी से पहचान सकता था। उदाहरण के लिए SUB (SUBTRACT), JMP (JUMP) तथा इसी तरह के कई अन्य नेमोनिक कोड हैं जिन्हें सरलता से पहचाना व याद रखा जा सकता था। प्रोग्राम इन्हीं संकेतों लिखे जाते थे। इनमें से प्रत्येक संकेत के लिए एक मशीन कोड भी निर्धारित किया गया था, परन्तु असेम्बली कोड से मशीन कोड में परिवर्तन का काम कम्प्यूटर में ही स्थित एक प्रोग्राम के द्वारा किया जाता था। इस प्रकार के प्रोग्राम को असेम्बलर कहते थे।
(lII) उच्चस्तरीय भाषाएँ (High Level Languages) -
(a) फोरट्रॉन (FORTRAN) - फोरट्रॉन विश्व की सर्वप्रथम उच्च स्तरीय कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग भाषा है, जिसका विकास जे.डब्ल्यू.बेकस द्वारा दिए गए प्रस्ताव पर आईबीएम के द्वारा वर्ष 1957 ई. में किया गया था। यह अंग्रेजी के शब्दों' फॉर्मूला ट्रन्सलेशन (Formula Translation) का संक्षिप्त रूप है। फोरट्रॉन में उन स्वरूपों का व्यापक प्रयोग किया जाता है जो कि बीजगणितीय सूत्रों से मिलते है , इसलिए इसका नाम फॉर्मूला ट्रान्सलेशन (Formula Translation) रखा गया है। चूंकि इस भाषा के प्रयोग से गणितीय सूत्रों को बहुत सरलता से हल करते हैं। पूरे विश्व में जटिल वैज्ञानिक गणनाओं में इसका व्यापक प्रयोग किया था।
(b) कोबोल (COBOL) - कोबोल अंग्रेजी के शब्दों "कॉमन बिजनेस ओरियेन्टेड लैंग्यूएज' (Common Business oriented language ) का संक्षिप्त रूप है । कोबोल सरकारी या वाणिज्यिक दफ्तरों में होने वाली डाटा प्रोसेसिंग के लिए सबसे उपयुक्त प्रोग्रामिंग भाषा है।
(C) बेसिक (BASIC) - बेसिक अंग्रेजी के शब्दों बिगनर्स आल-परपज सिम्बोलिक इन्स्ट्रक्शन कोड (Beginners AI Purpose ymbolic Instruction Code) का संक्षिप्त रूपान्तर है। इसमें बहुत अधिक मानव श्रम घंटों को बचाया जा सकता था।
(d) अल्गोल (ALGOL) - अल्गोल अंग्रेजी के शब्दों (Algorithmic Language) अल्गोरिथ्मक लैंग्यूएज' का संक्षिप्त रूपान्तर है। इसे प्रमुखत: जटिल बीजगणितीय गणनाओं में प्रयोग हेतु बनाया गया था।
(e) पास्कल (PASCAL) - यह ALGOL का एक परिवर्तित रूप है। इसका प्रयोग अधिकतर मिनी कम्प्यूटर्स में होता है।
(f) पायलट (PILOT) - कम्प्यूटर में प्रयुक्त यह एक लेखकीय भाषा है, जिसका उपयोग शिक्षा को आसान बनाने के लिए किया जाता है। इसमें किसी शैक्षिकीय व्याख्यान को अभिलेखित कर उसे वांछित समय पर छात्रों तक प्रेषित किया जा सकता है। और छात्रों द्वारा दिए गए प्रश्नों के उत्तरों को अभिलेखित कर उसका किसी भी समय मूल्यांकन किया है। जा सकता
(g) सी (C) - छोटे संगणकों में यूनिक्स ऑपरेटिंग सिस्टम
और सी प्रोग्रामिंग भाषा का एक साथ प्रयोग हुआ। इसका प्रयोग से प्रोग्राम निर्माण करते हैं।
(h) स्नोबोल (SNOBOL) - यह String oriente Symbolic Language का संक्षिप्त रूप है। यह भी एक प्रोग्रामिंग भाषा है और इसके द्वारा शब्दावलियों, संदेशों और नमूनों का निर्माण किया जाता है।
(i) लिस्प (LISP) - इसका आविष्कार एम.आई.टी. के सान्निध्य में 1960 ई. में किया गया था। यह भाषा एक अनुवादक भाषा है, जिसमें बेसिक भाषा के गुण भी विद्यमान हैं।‘लिस् लिस्ट प्रोसेसिंग का संक्षिप्त रूप है। यह कृत्रिम बुद्धि कार्यों के लिए एक उपयुक्त भाषा है।
(j) कोमाल (COMAL) - यह Common Agorithie Language का संक्षिप्त रूप है। इस भाषा का प्रयोग माध्यमिक स्तर के छात्रों के लिए किया जाता है।
(k) लोगो LOGO) - इस भाषा का प्रयोग छोटी आयु के बच्चों को ग्राफिक रेखानुकृतियों की शिक्षा देने के लिए किया। जाता है।
(l) प्रोलॉग (PROLOG) - इस भाषा का विकास कृत्रिम बुद्धि (Artificial Intelligence) के कार्यों के लिए किया गया है, जो तार्किक प्रोग्रामिंग में सक्षम है। प्रोलॉग वास्तव में प्रोग्रामिंग इन लॉजिक का संक्षिप्त रूप है। इस भाषा का विकास 1973 ई में फ्रांस में किया गया था। प्रोलॉग में समस्याओं के संसाधन के लिए तर्क तकनीक का प्रयोग किया जाता है। इन भाषाओं की उच्च स्तरीय भाषा इसलिए नहीं कहा जाता है कि इन्हें सीखने के लिए उच्च स्तरीय ज्ञान की आवश्यकता होती है ।बल्कि इन भाषाओं का स्तर इतने उच्च स्तर का है कि कोई भी पढ़ा लिखा व्यक्ति इन्हें आसानी से सीख सकता है। इन भाषाओं में इतना सरल होता है कि थोड़े से निर्देशों की सहायता से बहुत अधिक कार्य कराए जाते हैं।
(m) चतुर्थ पीढ़ी की भाषाएँ --रेमीस II, फोकस,नोमाड एवं ओरेकल आदि चतुर्थ पीढ़ी की भाषाएँ हैं, जिनका विकास हाल के वर्षों में हुआ है। इन्हें स्वप्रोग्रामिंग भाषा भी कहा जाता है, क्योंकि इनके लिए लम्बे प्रोग्राम की आवश्यकता नहीं होती और प्रोग्रामिंग को सीखे बिना ही असेम्बर की सहायता से इनका उपयोग होता है।
(n) कृत्रिम बुद्धि भाषाएँ(AIL) - आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस लैंगुएज या कृत्रिम भाषाएँ पंचम पीढ़ी की भाषाएँ हैं, जिनकी सहायता से प्रोग्राम द्वारा स्वचालित विधि से रिपोर्ट एवं निर्देश बनाए जा सकते हैं।
(I) मशीनी भाषा (MachineCode) - यह वह भाषा है जो केवल 1 से 0 के समूहों (Combinations) से बनी होती है और जिसे कम्प्यूटर सीधे समझ सकता है। मशीन भाषा में प्रत्येक निर्देश Instruction) के दो भाग होते हैं-एक निर्देश कोड (Operation code) तथा दूसरा स्थिति कोड (Locationcode)। निर्देश कोड व स्थिति कोड 0 से 1 के क्रों में ही व्यक्त किए जाते हैं; कम्प्यूटर उच्चस्तरीय भाषा को मशीन भाषा में बदलकर उसे समझता है। एक कम्प्यूटर की मशीनी भाषा दूसरे कम्प्यूटर की मशीनी भाषा से भिन्न होती है।
(II) असेम्बली भाषा (Assembly Code) - असेम्बली भाषा, का आविष्कार मशीन भाषा में आ रही कठिनाइयों को दूर करने के लिए किया गया। इसमें मशीन कोड के स्थान पर नेमोनिक कोड' (NemonicCode) का प्रयोग किया जाता था जिन्हें मानव मस्तिष्क आसानी से पहचान सकता था। उदाहरण के लिए SUB (SUBTRACT), JMP (JUMP) तथा इसी तरह के कई अन्य नेमोनिक कोड हैं जिन्हें सरलता से पहचाना व याद रखा जा सकता था। प्रोग्राम इन्हीं संकेतों लिखे जाते थे। इनमें से प्रत्येक संकेत के लिए एक मशीन कोड भी निर्धारित किया गया था, परन्तु असेम्बली कोड से मशीन कोड में परिवर्तन का काम कम्प्यूटर में ही स्थित एक प्रोग्राम के द्वारा किया जाता था। इस प्रकार के प्रोग्राम को असेम्बलर कहते थे।
(lII) उच्चस्तरीय भाषाएँ (High Level Languages) -
(a) फोरट्रॉन (FORTRAN) - फोरट्रॉन विश्व की सर्वप्रथम उच्च स्तरीय कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग भाषा है, जिसका विकास जे.डब्ल्यू.बेकस द्वारा दिए गए प्रस्ताव पर आईबीएम के द्वारा वर्ष 1957 ई. में किया गया था। यह अंग्रेजी के शब्दों' फॉर्मूला ट्रन्सलेशन (Formula Translation) का संक्षिप्त रूप है। फोरट्रॉन में उन स्वरूपों का व्यापक प्रयोग किया जाता है जो कि बीजगणितीय सूत्रों से मिलते है , इसलिए इसका नाम फॉर्मूला ट्रान्सलेशन (Formula Translation) रखा गया है। चूंकि इस भाषा के प्रयोग से गणितीय सूत्रों को बहुत सरलता से हल करते हैं। पूरे विश्व में जटिल वैज्ञानिक गणनाओं में इसका व्यापक प्रयोग किया था।
(b) कोबोल (COBOL) - कोबोल अंग्रेजी के शब्दों "कॉमन बिजनेस ओरियेन्टेड लैंग्यूएज' (Common Business oriented language ) का संक्षिप्त रूप है । कोबोल सरकारी या वाणिज्यिक दफ्तरों में होने वाली डाटा प्रोसेसिंग के लिए सबसे उपयुक्त प्रोग्रामिंग भाषा है।
(C) बेसिक (BASIC) - बेसिक अंग्रेजी के शब्दों बिगनर्स आल-परपज सिम्बोलिक इन्स्ट्रक्शन कोड (Beginners AI Purpose ymbolic Instruction Code) का संक्षिप्त रूपान्तर है। इसमें बहुत अधिक मानव श्रम घंटों को बचाया जा सकता था।
(d) अल्गोल (ALGOL) - अल्गोल अंग्रेजी के शब्दों (Algorithmic Language) अल्गोरिथ्मक लैंग्यूएज' का संक्षिप्त रूपान्तर है। इसे प्रमुखत: जटिल बीजगणितीय गणनाओं में प्रयोग हेतु बनाया गया था।
(e) पास्कल (PASCAL) - यह ALGOL का एक परिवर्तित रूप है। इसका प्रयोग अधिकतर मिनी कम्प्यूटर्स में होता है।
(f) पायलट (PILOT) - कम्प्यूटर में प्रयुक्त यह एक लेखकीय भाषा है, जिसका उपयोग शिक्षा को आसान बनाने के लिए किया जाता है। इसमें किसी शैक्षिकीय व्याख्यान को अभिलेखित कर उसे वांछित समय पर छात्रों तक प्रेषित किया जा सकता है। और छात्रों द्वारा दिए गए प्रश्नों के उत्तरों को अभिलेखित कर उसका किसी भी समय मूल्यांकन किया है। जा सकता
(g) सी (C) - छोटे संगणकों में यूनिक्स ऑपरेटिंग सिस्टम
और सी प्रोग्रामिंग भाषा का एक साथ प्रयोग हुआ। इसका प्रयोग से प्रोग्राम निर्माण करते हैं।
(h) स्नोबोल (SNOBOL) - यह String oriente Symbolic Language का संक्षिप्त रूप है। यह भी एक प्रोग्रामिंग भाषा है और इसके द्वारा शब्दावलियों, संदेशों और नमूनों का निर्माण किया जाता है।
(i) लिस्प (LISP) - इसका आविष्कार एम.आई.टी. के सान्निध्य में 1960 ई. में किया गया था। यह भाषा एक अनुवादक भाषा है, जिसमें बेसिक भाषा के गुण भी विद्यमान हैं।‘लिस् लिस्ट प्रोसेसिंग का संक्षिप्त रूप है। यह कृत्रिम बुद्धि कार्यों के लिए एक उपयुक्त भाषा है।
(j) कोमाल (COMAL) - यह Common Agorithie Language का संक्षिप्त रूप है। इस भाषा का प्रयोग माध्यमिक स्तर के छात्रों के लिए किया जाता है।
(k) लोगो LOGO) - इस भाषा का प्रयोग छोटी आयु के बच्चों को ग्राफिक रेखानुकृतियों की शिक्षा देने के लिए किया। जाता है।
(l) प्रोलॉग (PROLOG) - इस भाषा का विकास कृत्रिम बुद्धि (Artificial Intelligence) के कार्यों के लिए किया गया है, जो तार्किक प्रोग्रामिंग में सक्षम है। प्रोलॉग वास्तव में प्रोग्रामिंग इन लॉजिक का संक्षिप्त रूप है। इस भाषा का विकास 1973 ई में फ्रांस में किया गया था। प्रोलॉग में समस्याओं के संसाधन के लिए तर्क तकनीक का प्रयोग किया जाता है। इन भाषाओं की उच्च स्तरीय भाषा इसलिए नहीं कहा जाता है कि इन्हें सीखने के लिए उच्च स्तरीय ज्ञान की आवश्यकता होती है ।बल्कि इन भाषाओं का स्तर इतने उच्च स्तर का है कि कोई भी पढ़ा लिखा व्यक्ति इन्हें आसानी से सीख सकता है। इन भाषाओं में इतना सरल होता है कि थोड़े से निर्देशों की सहायता से बहुत अधिक कार्य कराए जाते हैं।
(m) चतुर्थ पीढ़ी की भाषाएँ --रेमीस II, फोकस,नोमाड एवं ओरेकल आदि चतुर्थ पीढ़ी की भाषाएँ हैं, जिनका विकास हाल के वर्षों में हुआ है। इन्हें स्वप्रोग्रामिंग भाषा भी कहा जाता है, क्योंकि इनके लिए लम्बे प्रोग्राम की आवश्यकता नहीं होती और प्रोग्रामिंग को सीखे बिना ही असेम्बर की सहायता से इनका उपयोग होता है।
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c भाषा के उदाहरण कोड
ReplyDeleteसिस्टम प्रोग्रामिंग नमूना के शुरुआती
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