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Friday, 2 February 2018

कंप्यूटर सॉफ्टवेयर

कम्प्यूटर में प्रयोग होने वाले सभी ठोस तत्व, जिनको छू सकते हैं, वे हार्डवेयर हैं। जबकि जिन चीजों को हार्डडिस्क अथवा पलॉपी/सीडी में भरकर कम्प्यूटर में प्रयोग करते हैं, वे सॉफ्टवेयर हैं । सॉफ्टवेयर को भी अध्ययन और जानकारी की दृष्टि से दो भागों में बाँटते हैं -

(1) सिस्टम सॉफ्टवेयर (System Software)
(2) एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर (Application Software)

कम्प्यूटर की भाषा में जिन कलपुर्जों को देख आप लू कर सकते हैं। उन्हें हार्डवेयर कहते हैं, और रिकॉर्ड की गई जानकारियों को सॉफ्टवेयर कहते हैं। सॉफ्टवेयर के बिना हार्डवेयर कुछ नहीं कर सकता, और हार्डवेयर के बिना सॉफ्टवेयर बेकार है।

1. सिस्टम सॉफ्टवेयर (System Soft-ware)
- यह एक नियंत्रणकत्र्ता का काम करता है। इसकी सहायता से आप मनचाहे कार्यों को बिना किसी व्यवधान के पूरा करते हैं। यह आपके पीसी को तर्कसंगत बनाता है। यह आउटपुट और इनपुट में तालमेल कायम करता है। इसकी सहायता से आँकड़ों को एक कम्प्यूटर से दूसरे कम्प्यूटर से कॉपी करते हैं। संगृहीत आँकड़ों को अलग-अलग वर्गों में विभाजित करके एक हार्डडिस्क में भिन्न-भिन्न उप शीर्षकों की डायरेक्टरी में रखते हैं। सही अर्थों में एक सॉफ्टवेयर ऑपरेटर और कम्प्यूटर के बीच मध्यस्थ का काम करता है। आजकल माइक्रोसॉफ्ट कारपोरेशन द्वारा विकसित "MS-DOs" सबसे लोकप्रिय और प्रचलित सिस्टम सॉफ्टवेयर है ।

MS-DOS क गुण


(i) MS-Dos आईबीएम कम्प्यूटर में प्रयोग होने वाला सिस्टम सॉफ्टवेयर है।

(ii) इसके द्वारा कम्प्यूटर को बूट करके एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर का प्रयोग किया जाता है।

 (iii) इसमें दो कमांड होते हैं, जिनकी सहायता से कम्प्यूटर को नियंत्रित किया जाता है। पहला बाह कमांड और दूसरा आन्तरिक कमांड।

(iv) बाह्न कमांड कम्प्यूटर को निपुण बनाता है। इसमें अनेक कमांड आते हैं।

(v) आंतरिक कमांड द्वारा बाह्य कमांड की तुलना में हल्के-फुल्के काम किये जाते हैं।

2. एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर (Application Software) - सिस्टम सॉफ्टवेयर की सहायता से कम्प्यूटर को नियंत्रित किया जा सकता है, लेकिन विभिन्न कार्यों को एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के द्वारा ही सम्पन्न किया जाता है। इनकी संख्या लाखों में है, तथा संस्थान और व्यक्ति अपनी आवश्यकता अनुसार सॉफ्टवेयर विकसित किया जाता है।

वर्ड स्टार (Word Star)

(i) यह काफी पुराना एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर है। अभी बाजार में इसका आठवाँ संस्करण उपलब्ध है। इसका विकास एक अमेरिकन कंपनी 'माइक्रोप्रो' ने किया था।

(ii) बैंक यदि अपने ग्राहकों को किसी सूचना या सर्कुलर से अवगत कराने के लिए सॉफ्टवेयर का प्रयोग करता है। इसके लिए आपको दो फाइल एक साथ बनानी होती हैं । एक Master File होगी जिसे Non document भी कह सकते हैं। इसमें सभी पता क्रम से टाइप कर लिया जाता है। दूसरा Data File होगी, जिसे Document भी कहा जा सकता है। इसमें आपको जो सूचना ग्राहक को भेजनी है, उसे टाइप कर देंगे , फिर •RU तथा •DF कमांड का प्रयोग करेंगे । प्रिंट करने के लिए Opening Menu में M key को दबाकर फाइल को प्रिंट सकते कर हैं।

 (iii) डॉट (०) कमांड को वर्डस्टार में एक विशेष स्थान प्राप्त है। इसका प्रयोग Text formating से लेकर text printing तथा Mail Merging के लिए किया जाता है।

डीबेस (DBASE)


डीबेस में हम किसी भी प्रकार की डाटा प्रोसेसिंग की कॉपी आसानी से कर सकते हैं। बैंक Financial accounting में इसका प्रयोग किया जाता है। साथ ही इस सॉफ्टवेयर में अनेक रिकार्ड एक ही फाइल में रख सकते हैं। आजकत इस सॉफ्टवेयर Multiuser संस्करण भी उपलब्ध हैं।

विंडोज

विंडोज (Windows) माइक्रोसॉफ्ट द्वारा विकसित विंडोज एक लोकप्रिय एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर है। आपके रोजमर्रा के सभी कामों के लिए यह पर्याप्त है। आज इसका प्रयोग लगभग सभी सॉफ्टवेयरों के साथ किया
जाता हैं ।

विंडोज 95 (Windows 95)

सॉफ्टवेयर के इतिहास में विंडोज 95 का एक अलग इतिहास है। स्वभाव से यह एक एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर है। लेकिन काम सिस्टम सॉफ्टवेयर का भी करता है। साथ ही यह एक जज भी है। यह पूरे हार्डवेयर की जाँच भी करता है। यह उसी कम्प्यूटर में Install होता है, जो शत प्रतिशत ठीक हो। इस सॉफ्टवेयर को माइक्रोसॉफ्ट कारपोरेशन द्वारा 1995 में बाजार में लॉन्च किया । आते ही इस हार्डवेयर की बिक्री भी बढ़ा गयी । क्योंकि यह सभी कम्प्यूटरों में Install नहीं हो सकता था। इसके  लिए 16 एमबी रैम और 260 एमबी का हार्डडिस्क चाहिए था। दि अत: सभी पीसी वालों ने इसे लगाने के लिये अपने-अपने हार्डवेयर को अपडेट कराया ।
          विंडोज चित्र आधारित इंटरफेस हैं। यह कम्प्यूटर सिस्टम की तस्वीर पेश करता हैं। प्रोग्राम और फाइल जैसे कम्प्यूटर से सिस्टम के जिन भागों का प्रयोग किया जाता है । वे डेस्कटॉप बना स्क्रीन पर तस्वीर के रूप में दिखते हैं, उसे आइकॉन यानी प्रतीक चिन्ह कहा जाता है।
    इन कमांडों को याद रखने का चक्कर नहीं रहता है। आप माउस से आइकॉन (प्रतीक चिन्ह) को क्लिक करते ही सामने विकल्प आती हैं ।

1. विंडोज 95 में स्टार्ट बटन और टास्कबार उपलब्ध हैं । ऐसा पहले नहीं था । प्रोग्राम को खोलने, दस्तावेजों को ढूंढ़ने और सिस्टम उपकरणों के उपयोग के लिए आपको स्टार्ट बटन पर क्लिक करना पड़ता है । टास्कबार का उपयोग करते हुए आप स्क्रीन पर उतनी ही तेजी से प्रोग्राम बदल सकते हैं, जैसे रिमोट कंट्रोल से आप टी. वी. का चैनल बदलते हैं ।

2. फाइलों को व्यवस्थित करने की सुविधा से कई गुना  बेहतर है। इन कार्यों के लिए लंबे-लंबे डॉस जैसे कमांड को याद करने की आवश्यकता नहीं हैं ।

3. इसमें अनेक प्रकार के टाइप केसों का प्रयोग करने सुविधा है।

4. प्राय: जब हम कम्प्यूटर में कोई भी अतिरिक्त उपकरण लगाते हैं तो हमें उसके साथ चलने के लिए Driver सॉफ्टवेयर Install करने पड़ते हैं, यथा स्कैनर, प्रिंटर, माउस आदेि। जब Windows 95 को Install किया जाता है तो स्वत : ही अन उपकरण चलने लगते हैं।

5. विंडोज-95 के अंतर्गत मॉडम को नियंत्रित करने दिया। फैक्स भेजने, आँकड़ों को स्थानान्तरित करने का एक अत्यन्त्र शक्तिशाली सॉफ्टवेयर संलग्न है, जिसके कारण हम किसी अन्य सॉफ्टवेयर की जरूरत नहीं होती है।

विंडोज 2000 (Windows 2000)
यह एक सॉफ्टवेयर होता हैं ।

• प्रिंटर्स फोल्डरों को माई कम्प्यूटर से हटाकर कंट्रोल पैनल में डाल दिया जाता हैं ।

• डिवाइस मैनेजर से संचालित होने वाले कई उपकरणों को विंडोज 2000 में हार्डवेयर या एडवांस टैब के अन्तर्गत रख दिया गया है। सभी स्कैनर्स एण्ड कैमरा साउंड्स एवं मल्टी मीडिया माउस, फैक्स आदि उपलब्ध होते  हैं।

• एक नया आदमी भी इस सॉफ्टवेयर की मदद से कम्प्यूटर से अपना काम कर सकता है। इसमें मेनू को काफी व्यावहारिक बना दिया है

• आप कार्यक्रम फोल्डरों को खोलते हैं, इसका यह हिसाब रखता है। एक निश्चित समय के बाद यह कम इस्तेमाल होने वाला प्रोग्राम,आइकॉन व फोल्डरों को छिपा देता है ।

• विंडोज 2000 की नई विषय सूची की तलाश सुविधा में शामिल हो जाने के बाद अब आप दस्तावेजों के अन्दर पूरे पेज में चाहें तलाश सकते हैं।

लोटस (Lotus)


लोटस एक पुराना सॉफ्टवेयर है। यह बैंकों के लिए काफी उपयोगी रहा है। इसे हम एक विशाल ‘कैलकुलेटर' की तरह प्रयोग कर सकते हैं। इसमें कॉलम और रो बनाने में काफी सुविधा होती है। सामान्य कैलकुलेटर और लोटस में काफी अंतर है । कैलक्यूलेटर में अक्षरों को नही फील्ड कर सकते हैं । जबकि लोटस में इन शब्दों को लिखने के साथ साथ अपनी आवश्यकतानुसार फॉर्मेटिंग भी कर सकते हैं ।लोटस में प्रोग्रामिंग भी की जा सकती है । लोटस फंड विवरण, लेख, भुगतान, आदि जैसे काम बहुत सहजता से करता है ।

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