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Tuesday, 30 January 2018

कंप्यूटर के भाग


1. सीपीयू (CPU)
- कम्प्यूटर का दिल और दिमाग सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट' होता है और उसी का संक्षिप्त नाम ‘सोपीयू' है । कम्प्यूटर के इस अंग के पास बहुत सूचनाएँ होती हैं। पर जब हम कोई कमांड देते हैं तो कम्प्यूटर का यही उपकरण उसे खोजकर में बदलने हमारे सामने लाता है। इस प्रकार इनपुट का आउट का कार्य यही करता है।

      सीपीयू निवेश इकाई से विद्युत् स्पंदों अथवा ‘बिटो' के (8 बिट =1 बाईट अर्थात् 1 अक्षर) रूप में डाटा प्राप्त करता है। वहाँ से मेमोरी अंकगणितीय तर्क इकाई में पहुँचाकर उसका विश्लेषण करता है और इसका परिणाम आउटपुट है , जिसे आप मॉनिटर पर अथवा प्रिंट के रूप में देखते हैं।

2. माइक्रो प्रोसेसर
- सीपीयू एक इलेक्ट्रॉनिक सर्किट। कि सिलिकॉन एक छोटे से समय है, जो बाहर की तुलना के सिलसिले में पता लगाने के लिए पिन लगे हुए एक ही । माइक्रोप्रोसेसर कहा जाता है।इसी माइक्रोप्रोसेसर चिप को ध्यान में रखकर कम्प्यूटर बनाया जाता है। कम्प्यूटर का क्षमता का आधार ही माइक्रोप्रोसेसर हो गया है । कम्प्यूटर की गति में निरन्तर विकास होता रहा है और अब काफी शक्तिशाली माइक्रोप्रोसेसर चिप मिलने लगी हैं। प्रत्येक कम्प्यूटर में एक क्लॉक सर्किट होता है जो घड़ी की तरह नियमित विद्युत् संकेत देता रहता है। यह क्लॉक जिस तेजी से संकेत देती है, कम्प्यूटर भी अपनी संगणनाएँ या अन्य कार्य उतनी ही तेजी से करता है। इसकी रफ्तार को मेगाहर्टज में आँका जाता है। माइक्रोप्रोसेसर की क्षमता को बिट्स में आँका जाता है। पहले 8 बिट वाले कम्प्यूटर होते थे जबकि 16 से 32 बिट वाले प्रोसेसर होते हैं।

3. फ्लॉपी डिस्क - कम्प्यूटर के क्षेत्र में आईबीएम ने फ्लॉपी लगाकर तहलका मचा दिया। उसने लगभग 20 वर्ष पूर्व 8 इंच  व्यास वाली एक पतली प्लास्टिक की डिस्क छोटी बनाई । आज सवा तीन इंच व्यास वाली डिस्क प्रचलित है। इस पर लगभग डेढ़ मेगाबाइट तक की सूचनायें अंकित अथवा संगृहीत होती हैं, इन सूचनाओं को पढ़ने के लिए एक विशेष प्रकार की मशीन में घुमाया जाता है। इस मशीन को डिस्क ड्राइव कहते हैं।

4. कम्प्यूटर की मेमोरी - कम्प्यूटर की मेमोरी दो प्रकार की होती है-अस्थायी एवं स्थायी। अस्थायी नाम से ही स्पष्ट है। इसका प्रयोग गणना करते समय किया जाता है, जबकि स्थायी मेमोरी में सूचना हमेशा के लिए संगृहीत रहती है। अस्थायी मेमोरी का संबंध रैम (रैंडम एक्सेस मेमोरी) तथा स्थायी मेमोरी का संबंध रोम (रीड ऑनली मेमोरी) से होता है।
        रैम में लिखा गया डाटा परिमार्जन और परिवर्तन की दृष्टि से सरल होता है। लेकिन इसका अस्तित्व अस्थायी होता है। जबकि रोम एक स्थायी स्मृति है। असल में रोम का निर्माण करते समय उसमें कुछ ऐसे प्रोग्राम भर देते हैं जिनकी आवश्यकता कम्प्यूटर को हमेशा होती है। स्मृति की शक्ति और क्षमता किलोबाइट में ऑकी जाती है।

5 प्रणाली इकाई
- प्रणाली इकाई एक बिजली घर है। यह किसी भी पीसी सभी कार्यों कार्यरत देता है। यह एक बॉक्स करना चाहते हैं।यह दोनों रूपो में आता है - डेस्कटॉप और टॉपर टाइप ।कम्यूटर के सभी इलेक्ट्रॉनिक सर्किट इसी बॉक्से में बंद रहती है । इसमें अनेक प्रकार के इंटरफेस कार्ड लगाये जाते हैं । कार्ड लगाते है , जैसे-पैक्स, मॉडम, कार्ड इंटरनेट, आदि।

6. हार्ड डिस्क ड्राइव - यह सूचनाओं को स्थायी रूप में संग्रहित करता है। इसके पढ़ने लिखने की गति काफी तीव्र होती है , जबकि फ्लॉपी की क्षमता कम होती है। यह एक स्थायी उपकरण है। इसे बाहर नहीं निकाला जा सकता है। इसमें सूचनाओं को फ्लॉपी में स्थानंतरित किया जा सकता है। इन पर दोनों ओर चुंबकीय पदार्थ की पतली-सी परत लगी होती है।

7 . मॉनिटर - बाजार पर अभी पता चला लाइव टीवी उपलब्ध है, यह एक प्रदर्शन उपकरण के रूप में उपयोग करने के लिए मुश्किल था। अगर कोई टीवी पर लाइन में 40 से अधिक वर्ण हैं, यह देखने के लिए मुश्किल है। जबकि कंप्यूटर स्क्रीन पर, आप आसानी से देख सकते हैं और 80 अक्षर तक पढ़ सकते हैं। काले और सफेद और छोटे डॉट्स से बना है - वहाँ पर नज़र रखता है के दो प्रकार हैं। ये अंक "पिक्सेल हैं। 200 स्क्रीन पर लगभग 600 अंकों की रेखा कहा जाता हैं।

8. सीडी रोम
- यह फ्लॉपी की तरह डाटा स्टोरेज का माध्यम है। साथ ही इसमें डाटा बैकअप की भी सुविधा होती है। एक सीडी में सरलता से 640 मेगाबाइट तक डाटा लिखा अथवा संगृहीत किया जा सकता है। साथ ही इसमें संगीत और फिल्म को भी रिकॉर्ड किया जा सकता है। पहले सीडी पर एक ही बार लिखा जाता था। उस पर कई लिखा सकते है।

9. प्रिंटर
- यह कम्प्यूटर का एक महत्वपूर्ण आउटपुट उपकरण है । मॉनिटर पर आप जो देखते हैं उसे छपे रूप में इसके द्वारा प्राप्त किया जा सकता है।

10. स्पीकर -. स्पीकर - कम्प्यूटर स्पीकरों का प्रयोग करते हैं। स्पीकर को कम्प्यूटर से जोड़ना अपने ऊपर होता है। कम्प्यूटर में स्पीकर को सोपीयू में लगे साऊंड के एक जैक से जोड़ते हैं, जहाँ से हमें ध्वनि सुनाई देती है।

11. माउस - माउस इनपुट डिवाइस है। जिसमें तीन बटन होते हैं। इससे तीव्र गतेि से रिजल्ट प्राप्त करते हैं। पीसी में दो सिरियल पार्ट होते हैं। COM और coM के नाम से जाने जाते हैं। हम किसी भी पार्ट में माउस लगाकर अपना कार्य कर सकता है। इस हाथ टेबुल पर नचाने पर एक तीर कम्प्यूटर में चलता है। इस तीर को करसर  कहते हैं। इस तीर को किसी भी कमांड पर दबाने पर वह कार्यान्वित हो जाता है ।

12. की-बोर्ड
- की-बोर्ड टाइपराइटर की तरह होता है। इस पर अल्फाबेट अंकित होता है। कम्प्यूटर का उपयोग इसी के द्वारा होता है। हालाँकि इसमें एक साधारण टाइपराइटर से अधिक है। इसको अनेक भागों में विभाजित किया है।

13. वेबकैम - वेबकैम का उपयोग करके एक कंप्यूटर में बैठे दूसरे कंप्यूटर से बात करते हैं । ऐसा लगता है जैसे आप live बात कर रहे हो । लाइव वीडियो कैमरे से कॉल के रूप में उपयोग करते हैं ।

14.  माइक - कंप्यूटर में माइक को  जोड़ा जाता है । माइक से ध्वनि रिकॉर्ड कर सकते हैं।

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