• बिट - यह कम्प्यूटर की स्मृति की सबसे छोटी इकाई है। यह स्मृति में एक बाइनरी अंक 0 अथवा 1 संचित किया जाना प्रदर्शित करता है। यह बाइनरी डिजिट का अल्प रूप है।
• बाइट - यह कम्प्यूटर की स्मृति की मानक इकाई है। किसी भी अक्षर को स्मृति में संचित करने के लिए 8 बिट मिलकर 1 बाइट बनती है।
• द्विअंकीय प्रणाली इस प्रणाली - इस प्रणाली के अन्तर्गत आंकड़ों को मुख्य रूप से केवल दो अंकों के संयोजन द्वारा दर्शाया जाता है। ये दो अंक ‘0' तथा '1' होते हैं।
• ऑक्टल (8 के आधार वाली) प्रणाली - इस प्रणाली को ऑक्टल प्रणाली इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस प्रणाली में उपयोग किये जाने वाले विभिन्न अंकों का आधार 8 होता है। इस प्रणाली में केवल 8 अंक ही उपयोग किये जाते हैं - 0,1,2,3,4,5,6,7 (इसमें दशमलव प्रणाली की भाँति 8 एवं 9 के अंकों का प्रयोग नहीं किया जाता ) इसमें बड़ा अंक 7 है , जो आधार से एक कम है ।
• कैरेक्टर - संख्याओं के अलावा, यह एक संकेत है जिसका प्रयोग भाषा और अर्थ का वर्णन करने के लिए किया जाता है। प्रत्येक अक्षर 8 बिट्स का उपयोग करके संग्रहीत किया जाता है।
• हैंक्सा (16 के आधार वाली) दशमलव प्रणाली - हैक्सा दशमलव प्रणाली 16 के आधार वाली प्रणाली होती है, इन 16 अक्षरों में 10 अक्षर तो दशमलव प्रणाली के अंक0, 1,2,3,4,5,6,7, 8, 9 होते हैं एवं शेष 6 अंक A,B,C,D, E, F के द्वारा दर्शाये जाते हैं, जो कि दशमलव मूल्यों 10, 11 , 12, 13, 14, 15 को प्रदर्शित करते हैं।
8 बिट्स = 1 बाइट
1024 बाइट्स = 1 किलोबाइट (केबी)
1024 केबी = 1 मेगाबाइट (एमबी)
1024 एमबी = 1 गीगाबाइट (जीबी)
1024 जीबी = 1 टेराबाइट (टीबी)
• डाटा - तथ्यों, अंकों व सांख्यिकी का समूह होता है । जिससे प्रक्रिया करने से अर्थपूर्ण सूचना प्राप्त किया जाता है।
• प्रक्रिया - डाटा सुव्यवस्थित करना, प्रक्रिया में निम्नलिखित का समावेश हो सकता है - गणना, तुलना, निर्णय लेना तर्क करना आदि।
• सूचना - जिस पर प्रक्रिया हो चुकी हो उसे सूचना डाटा कहते है।
• सूचना के गुण - सूचना के निम्नलिखित गुण होने चाहिए - (1) अर्थ पूर्णता, (2) विस्मयकारी तत्व (3) पूर्व जानकारी से सहमति, (4) पूर्व जानकारी में सुधार, (5) संक्षिप्तता, (6) शुद्धता या यर्थाथता, (7) सीमाबद्धता, (8) कार्यसंपादन में सहायक।
• बाइट - यह कम्प्यूटर की स्मृति की मानक इकाई है। किसी भी अक्षर को स्मृति में संचित करने के लिए 8 बिट मिलकर 1 बाइट बनती है।
• द्विअंकीय प्रणाली इस प्रणाली - इस प्रणाली के अन्तर्गत आंकड़ों को मुख्य रूप से केवल दो अंकों के संयोजन द्वारा दर्शाया जाता है। ये दो अंक ‘0' तथा '1' होते हैं।
• ऑक्टल (8 के आधार वाली) प्रणाली - इस प्रणाली को ऑक्टल प्रणाली इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस प्रणाली में उपयोग किये जाने वाले विभिन्न अंकों का आधार 8 होता है। इस प्रणाली में केवल 8 अंक ही उपयोग किये जाते हैं - 0,1,2,3,4,5,6,7 (इसमें दशमलव प्रणाली की भाँति 8 एवं 9 के अंकों का प्रयोग नहीं किया जाता ) इसमें बड़ा अंक 7 है , जो आधार से एक कम है ।
• कैरेक्टर - संख्याओं के अलावा, यह एक संकेत है जिसका प्रयोग भाषा और अर्थ का वर्णन करने के लिए किया जाता है। प्रत्येक अक्षर 8 बिट्स का उपयोग करके संग्रहीत किया जाता है।
• हैंक्सा (16 के आधार वाली) दशमलव प्रणाली - हैक्सा दशमलव प्रणाली 16 के आधार वाली प्रणाली होती है, इन 16 अक्षरों में 10 अक्षर तो दशमलव प्रणाली के अंक0, 1,2,3,4,5,6,7, 8, 9 होते हैं एवं शेष 6 अंक A,B,C,D, E, F के द्वारा दर्शाये जाते हैं, जो कि दशमलव मूल्यों 10, 11 , 12, 13, 14, 15 को प्रदर्शित करते हैं।
8 बिट्स = 1 बाइट
1024 बाइट्स = 1 किलोबाइट (केबी)
1024 केबी = 1 मेगाबाइट (एमबी)
1024 एमबी = 1 गीगाबाइट (जीबी)
1024 जीबी = 1 टेराबाइट (टीबी)
• डाटा - तथ्यों, अंकों व सांख्यिकी का समूह होता है । जिससे प्रक्रिया करने से अर्थपूर्ण सूचना प्राप्त किया जाता है।
• प्रक्रिया - डाटा सुव्यवस्थित करना, प्रक्रिया में निम्नलिखित का समावेश हो सकता है - गणना, तुलना, निर्णय लेना तर्क करना आदि।
• सूचना - जिस पर प्रक्रिया हो चुकी हो उसे सूचना डाटा कहते है।
• सूचना के गुण - सूचना के निम्नलिखित गुण होने चाहिए - (1) अर्थ पूर्णता, (2) विस्मयकारी तत्व (3) पूर्व जानकारी से सहमति, (4) पूर्व जानकारी में सुधार, (5) संक्षिप्तता, (6) शुद्धता या यर्थाथता, (7) सीमाबद्धता, (8) कार्यसंपादन में सहायक।
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